प्रश्न - 1. लक्ष्य तक पहुँचने की राह कैसी होती है? कविता की पंक्ति का उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर : लक्ष्य तक पहुँचने की राह कठिनाईयों और संघर्षों से भरी होती है। उदाहरण : “खून-पसीना बहा के अपना, ला फिर नया सवेरा।”
प्रश्न - 2. लक्ष्य तक पहुँचने के लिए क्या-क्या करना होगा?
उत्तर : लक्ष्य तक पहुँचने के लिए त्याग, बलिदान, परिश्रम और देश के प्रति समर्पण करना होगा।
लघूत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न - 1. सफलता प्राप्त करने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर : सफलता प्राप्त करने के लिए धैर्य, साहस, बलिदान, परिश्रम और निरंतर जोश आवश्यक है।
प्रश्न - 2. 'मंजिल तेरे पग चूमेगी आज नहीं तो कल' से कवि का क्या अभिप्राय है?
उत्तर : कवि का अभिप्राय है कि जो व्यक्ति निरंतर प्रयास और संघर्ष करता है, वह देर-सवेर अवश्य ही सफलता प्राप्त करता है।
प्रश्न - 3. 'जोश न ठंडा होने पाए' से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : इसका अर्थ है कि कठिन परिस्थितियों और संघर्षों में भी देशभक्ति व उत्साह कम नहीं होना चाहिए।
दीर्घउत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न - 1. देश हमसे क्या अपेक्षाएँ करता है? विस्तारपूर्वक बताइए।
उत्तर : देश हमसे बलिदान, परिश्रम, निष्ठा और त्याग की अपेक्षा करता है। जब भी देश पर संकट आए, हमें अपने प्राणों की बाज़ी लगाकर उसकी रक्षा करनी चाहिए। देश के विकास के लिए युवाओं को अपने ज्ञान, ऊर्जा और सामर्थ्य का उपयोग करना चाहिए। मातृभूमि की उन्नति के लिए हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
प्रश्न - 2. 'ला फिर नया सवेरा', इससे क्या अभिप्राय है और इसकी आवश्यकता बताइए।
उत्तर : "ला फिर नया सवेरा" का अभिप्राय है—त्याग और बलिदान के माध्यम से देश में उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करना। इसकी आवश्यकता इसलिए है कि जब तक हम संघर्ष और बलिदान नहीं करेंगे, तब तक नई पीढ़ी को स्वतंत्रता, सुख और शांति का सवेरा नहीं मिल सकेगा।
प्रश्न - 3. 'बलिदानों का ढेर लगे, इतिहास बनाता चल' में निहित संकल्प व उसकी प्राप्ति का साधन स्पष्ट करते हुए उत्तर दीजिए।
उत्तर : इस पंक्ति में कवि का संकल्प है कि देश की आज़ादी और प्रगति के लिए निरंतर बलिदान दिए जाएँ और इन बलिदानों से महान इतिहास रचा जाए। इसकी प्राप्ति का साधन है—युवाओं की निष्ठा, साहस, परिश्रम और त्याग।