उत्तर : शल्य मद्रदेश के राजा और नकुल-सहदेव के मामा थे, जो कर्ण के रथसारथी बने थे महाभारत युद्ध में।
प्रश्न - 2. कर्ण कौन थे?
उत्तर : कर्ण कुंती और सूर्यदेव के पुत्र थे, महान धनुर्धर और दानवीर, जो कौरवों की ओर से लड़े महाभारत में।
प्रश्न - 3. शल्य को क्या कार्य सौंपा गया था?
उत्तर : महाभारत युद्ध में शल्य को कर्ण का रथसारथी बनने का कार्य सौंपा गया था दुर्योधन के आग्रह पर।
प्रश्न - 4. शल्य ने कर्ण का सारथी बनना क्यों स्वीकार कर लिया था?
उत्तर : दुर्योधन के बार-बार आग्रह, सम्मान और कौरवों के प्रति ऋणभाव के कारण शल्य ने यह कार्य स्वीकार किया।
लघूत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न - 1. आत्मश्लाघा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : आत्मश्लाघा का अर्थ है स्वयं की अत्यधिक प्रशंसा करना। जब कोई व्यक्ति अपने गुणों, शक्ति या सफलता का अहंकार करता है, तो वह आत्मश्लाघा कहलाता है। यह विनाश का कारण बनता है।
प्रश्न - 2. कर्ण के प्रलाप में आत्मश्लाघा का प्रकटीकरण किस प्रकार था?
उत्तर : कर्ण ने युद्ध से पहले अपने शौर्य, पराक्रम और अर्जुन को हराने की क्षमता का घमंडपूर्वक बखान किया। यह उसका प्रलाप आत्मश्लाघा का स्पष्ट प्रतीक था।
प्रश्न - 3. शल्य कर्ण के सारथी बनने में क्यों हिचक रहे थे?
उत्तर : शल्य कर्ण को सूतपुत्र मानते थे और उसे क्षत्रिय योद्धाओं के समान नहीं समझते थे। इसी कारण वे कर्ण के सारथी बनने में हिचकिचाहट महसूस कर रहे थे।
प्रश्न - 4. आत्मश्लाघा के फलस्वरूप कौए की क्या गति हुई?
उत्तर : आत्मश्लाघा के फलस्वरूप कौआ अपनी शक्ति का घमंड करते हुए हंस से मुकाबला करने गया, लेकिन जल्दी थककर समुद्र में गिरने के कगार पर पहुँच गया, फिर हंस ने उसकी मदद की।
दीर्घउत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न - 1. कौए ने किस प्रकार आत्मश्लाघा का प्रदर्शन किया? विस्तारपूर्वक बताइए।
उत्तर : कौआ अपनी बढ़ी हुई शक्ति और शारीरिक स्थिति को देखकर घमंड करने लगा। बालकों द्वारा उसे श्रेष्ठ माना गया, तो उसने हंसों से मुकाबला करने का निर्णय लिया। अपनी उड़ान में कलाबाजियां दिखाकर, उसने अपनी शक्ति का आत्मश्लाघा किया।
प्रश्न - 2. शल्य ने कर्ण को जूठन खाने वाले कौए का ही उदाहरण क्यों दिया? सविस्तार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : शल्य ने कर्ण को जूठन खाने वाले कौए का उदाहरण देकर उसकी स्थिति पर तंज कसा। उन्होंने कर्ण को यह याद दिलाया कि वह केवल दूसरों के द्वारा मिले अविवेकपूर्ण सम्मान के कारण घमंड कर रहा है, जैसे कौआ जूठन खाने पर घमंड करता है।