उत्तर : मंसूर को सूली पर चढ़ना पड़ा क्योंकि उन्होंने "अहं ब्रह्मास्मि" (मैं ब्रह्म हूँ) का उद्घोष किया, जो उनके समय में विवादास्पद था।
प्रश्न - 2. वीरता का भाव हममें प्रायः चिरस्थायी क्यों नहीं हो पाता है?
उत्तर : वीरता का भाव चिरस्थायी नहीं हो पाता क्योंकि डर, असमर्थता, और परिस्थितियाँ व्यक्ति को साहस दिखाने से रोक देती हैं।
लघूत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न - 1. सच्चे वीर पुरुषों में क्या विशेषता पाई जाती हैं?
उत्तर : सच्चे वीर पुरुषों में धैर्य, साहस, निष्ठा, समर्पण, आत्मविश्वास और समाज के प्रति जिम्मेदारी की विशेषताएँ पाई जाती हैं।
प्रश्न - 2. बागी गुलाम ने बादशाह के समक्ष वीरता का प्रदर्शन किस प्रकार किया?
उत्तर : बागी गुलाम ने बादशाह के समक्ष वीरता का प्रदर्शन साहसपूर्वक, अपनी जान की परवाह किए बिना लड़कर, स्वतंत्रता और सम्मान के लिए संघर्ष किया।
प्रश्न - 3. राजा लोग प्रायः किस प्रकार के लोगों को अपने वश में रखते थे?
उत्तर : राजा लोग प्रायः स्वार्थी, डरपोक और अत्यधिक अधिकारप्रिय व्यक्तियों को अपने वश में रखते थे, जो अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए राजा के आदेशों का पालन करते थे और विरोध नहीं करते थे।
दीर्घउत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न - 1. वीरता क्या है और यह किस प्रकार प्रकट होती है?
उत्तर : वीरता साहस, बल, और निर्भीकता का परिचायक है, जो कठिन परिस्थितियों में सत्य, धर्म और न्याय के लिए लड़ा जाता है। यह शरीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक रूप में प्रकट होती है।
प्रश्न - 2. वीरों के जीवन को लेखक ने ईश्वरीय जीवन क्यों कहा है?
उत्तर : लेखक ने वीरों के जीवन को ईश्वरीय जीवन इसलिये कहा क्योंकि वे निस्वार्थ भाव, धर्म और मानवता के प्रति निष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं, जो ईश्वर की सेवा जैसा होता है।
प्रश्न - 3. लेखक ने वीरों को देवदार के वृक्षों के समान क्यों कहा?
उत्तर : लेखक ने वीरों को देवदार के वृक्षों के समान इसलिए कहा क्योंकि जैसे देवदार के वृक्ष मजबूत, स्थिर और शाश्वत होते हैं, वैसे ही वीर भी साहसिक, दृढ़ और प्रेरणादायक होते हैं।
प्रश्न - 4. वह वीर क्या जो टीन के बर्तन की तरह झट-से-गर्म और ठंडा हो जाता है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : वह वीर टीन के बर्तन की तरह होता है जो जल्दी गर्म और ठंडा हो जाता है। इसका मतलब है कि ऐसे वीर में भावनाओं में उतार-चढ़ाव होते हैं, जो स्थिर नहीं रहते।