प्रश्न - 1. दोनों बच्चे सवेरे ही कार्निस के सामने क्यों पहुँच जाते थे?
उत्तर : बच्चे सवेरे ही कार्निस के सामने इसलिए पहुँच जाते थे क्योंकि वे गौरैया के घोंसले में झाँकना और उसमें होने वाली हलचल को देखना चाहते थे। उन्हें अंडों से चूजों के निकलने का उत्साह था। मासूम जिज्ञासा और प्रकृति के प्रति लगाव उन्हें रोज़ वहाँ खींच लाता था।
प्रश्न - 2. दोनों बच्चे किस कारण अधीर हो उठते थे?
उत्तर : दोनों बच्चे इसलिए अधीर हो उठते थे क्योंकि वे रोज़ शाम को खेत पर अपने पिता के साथ जाने के लिए उत्साहित रहते थे। खेत की सैर, वहाँ खेलना, प्रकृति के बीच समय बिताना – इन सब चीज़ों का उन्हें बहुत आनंद आता था। यही कारण था कि वे बेसब्री से उस समय का इंतज़ार करते थे।
प्रश्न - 3. केशव ने कार्निस पर दाना क्यों रख दिया था?
उत्तर : केशव ने कार्निस पर दाना इसलिए रख दिया था ताकि पक्षी आकर उसे खा सकें। यह उसके भोलेपन और दयालु स्वभाव को दर्शाता है। वह पक्षियों के प्रति प्यार और करुणा महसूस करता था, इसलिए उसने उनके लिए दाना रखकर उनकी मदद करने की कोशिश की
प्रश्न - 4. अंडों पर धूप जाने से रोकने के लिए केशव ने क्या किया?
उत्तर : अंडों पर धूप जाने से रोकने के लिए केशव ने एक होशियारी भरा काम किया। उसने एक पुराना रूमाल उठाकर कार्निस पर फैला दिया, ताकि धूप सीधे अंडों पर न पड़े और वे सुरक्षित रहें। यह केशव की समझदारी और पक्षियों के प्रति उसकी चिंता को दर्शाता है।
लघूत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न - 1. बच्चों के मन में किस प्रकार के सवाल उठते थे?
उत्तर : बच्चों के मन में कई जिज्ञासापूर्ण और भोले-भाले सवाल उठते थे। वे सोचते थे कि चिड़िया अंडों को कैसे सेती है, क्या वह भी उनकी तरह अपने बच्चों से प्यार करती है, और अंडों से बच्चे कब निकलेंगे। ऐसे सवाल उनके कोमल मन, उत्सुकता और प्रकृति के प्रति उनके लगाव को दिखाते हैं।
प्रश्न - 2. अंडे टूटने पर केशव की क्या दशा थी?
उत्तर : अंडे टूटने पर केशव की दशा बहुत दुःखद और भावुक हो गई थी। वह गहरा दुखी हो गया, उसकी आँखों में आँसू आ गए और वह चुपचाप खड़ा रह गया। उसे अपनी गलती का पछतावा हुआ और चिड़िया के अंडों के टूटने का बहुत दुख हुआ। यह उसके संवेदनशील और मासूम हृदय को दर्शाता है।
प्रश्न - 3. अंडे किस कारण टूटे ?
उत्तर : अंडे इस कारण टूटे क्योंकि केशव और उसका दोस्त चिड़िया के अंडों को देखने के लिए बेसब्री में कार्निस के पास पहुँच गए। वहाँ पहुँचने की जल्दी में संतुलन बिगड़ गया, जिससे रूमाल हिल गया और अंडे नीचे गिरकर टूट गए। यह घटना बच्चों की नासमझी और अधीरता का परिणाम थी।
प्रश्न - 4. माँ केशव पर क्रोधित क्यों हुई?
उत्तर : माँ केशव पर इसलिए क्रोधित हुई क्योंकि अंडे टूट जाने के बाद वह समझ गई थी कि यह सब केशव की लापरवाही और ज़िद का नतीजा है। केशव ने चिड़िया के अंडों को देखने की जल्दी में सावधानी नहीं बरती, जिससे वे टूट गए। माँ को चिड़िया और उसके अंडों के लिए दुख हुआ, और उसे यह भी महसूस हुआ कि केशव को अब समझदारी से काम लेना चाहिए, इसलिए वह नाराज़ हो गई।
दीर्घउत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न - 1. चिड़िया के अंडों का पता लगने पर श्यामा व केशव के व्यवहार में कैसा परिवर्तन आ गया था?
उत्तर : चिड़िया के अंडों का पता लगने पर श्यामा और केशव के व्यवहार में एक बड़ा परिवर्तन आया था। पहले जहाँ वे बच्चों की तरह बेसब्री से अंडों को देखने और खेलने के लिए उत्साहित थे, वहीं अब उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को समझा और अंडों के प्रति संवेदनशील हो गए। श्यामा और केशव ने चिड़िया के अंडों का ध्यान रखने और उन्हें सुरक्षित रखने का प्रयास किया। वे अब अंडों को नुकसान पहुँचाने से बचने की कोशिश करने लगे थे, जो उनके बीच समझदारी और परिपक्वता का संकेत था।
प्रश्न - 2. केशव और श्यामा के परस्पर व्यवहार को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर : केशव और श्यामा का परस्पर व्यवहार बहुत प्यारा और सहयोगी था। शुरू में, दोनों बच्चे चिड़िया के अंडों को देखने के लिए उत्साहित थे, लेकिन जैसे ही अंडे टूटे, उनके व्यवहार में बदलाव आया। वे अब एक-दूसरे की मदद करने लगे थे। श्यामा ने केशव को समझाया और दोनों ने मिलकर चिड़िया के अंडों का ख्याल रखना शुरू किया। केशव भी अब ज्यादा जिम्मेदार हो गया था और अपनी गलती का एहसास करके उसे सुधारने की कोशिश कर रहा था। इस प्रकार, उनका व्यवहार एक-दूसरे के प्रति समझदारी, प्यार और सहयोग का परिचायक था।